Friday, April 16, 2010

बधाई !

राजस्थान पत्रिका के चूरू कार्यालय में बतौर संवाददाता कार्यरत युवा पत्रकार भाई विश्वनाथ सैनी को गांवों में जल संरक्षण एवं प्रबंधन विषयक बेस्ट रिपोर्टिग के लिए वर्ष 2009 का ग्राम गदर पुरस्कार दिया गया है। जयपुर के गैर सरकारी संगठन कट्स की ओर से दिया जाने वाला यह पुरस्कार प्रदेश के प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है। युवा पत्रकार भाई विश्वनाथ निश्चय ही एक उत्साही पत्रकार हैं जो समय-समय पर अपनी बेहतरीन खबरों से ध्यान खींचते हैं। जमीन से जुड़े होने कारण सैनी की पत्रकारिता में एक खास प्रभाव है, जो कहीं न कहीं आकर्षित और प्रभावित तो करता ही है और भविष्य के लिए बेहतर संभावनाएं भी जगाता है।
फिलहाल भाई विश्वनाथ को पुरस्कार के लिए ढेर सारी बधाइयां... उम्मीद की जा सकती है कि पुरस्कार के रूप में यह प्रोत्साहन उन्हें अधिक बेहतर पत्रकारिता के लिए नई ऊर्जा प्रदान करेगा।

Thursday, April 8, 2010

कोई स्त्री ही होगी वह...

दिनभर तुम्हारे लिए चिंतातुर
तुम्हारी मा हो सकती है वह
और तुम्हारी मुसीबतों के सामने
दीवार बनकर खड़ी बड़ी बहिन भी।

यह भी संभव है कि वह हो
अपने झुर्रियों भरे हाथों को
तुम्हारे सुखों के लिए
फैलाए खड़ी बूढ़ी दादी मा,
स्नेहिल हाथों से घी-चूरमा परोसती
और अपनी कहानियों के जरिये
अपने अनुभव के हाथ तुम्हारे सिर रखती
तुम्हारी नानी,
तुम्हारे हर दर्द-तकलीफ में
कंधा मिलाकर खड़ी पत्नी,
तुम्हारे साथ सुनहरी जिंदगी के
सपने बुनती प्रेमिका
या तुम्हारे घर-आंगन में
किलकारियां भरती नन्हीं-नटखट बिटिया ।

हां, तुम्हारी स्लेट-पेंसिल थामे
ककहरा सिखाती
तुम्हारी स्कूल टीचर भी हो सकती है वह।

भले ही कोई भी हो वह
ये मेरा दावा है
कि जिसने सबसे ज्यादा प्यार
और सबसे ज्यादा खुशियां दी हैं तुम्हें,
तुम पर निछावर किए हैं
अपने सुख-अपना जीवन
यकीनन कोई स्त्री ही होगी वह.

जरा सोचो
स्त्री होने की एवज में
उसे तुम्हारी इस दुनिया में
दाखिल होने से ही
रोक दिया गया होता तो...
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