मेरी आंखों में जो पानी है
फकत आपकी मेहरबानी है।
जिंदगी मुमकिन नहीं तुम बिन
लोग कहते हैं, साफ नादानी है।
तेरी महफिल में एक बार फिर
मुझे तकदीर आजमानी है।
तेरे खंजर से दोस्ती कर ली
दिल ने भी क्या खूब ठानी है।
दिखा तो देते जन्नत एक बार
जब तय है कि जान जानी है।
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bahut khuub dost
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