Tuesday, February 16, 2010

ये जिंदगी मिरा निजी हादिसा है...

मिरे जख्मों से तुझे तकलीफ क्या है
ये जिंदगी तो मिरा निजी हादिसा है।

तुझे भी आगाह तो करता चलू रकीब
ये बर्बादियां मिरे इश्क की सजा है।

तुझे भी मिल जाए कोई तिरे जैसा
बेवफा साथ तिरे मिरी ये दुआ है।

जिंदगी मैं तुझसे नहीं डरने वाला
बता पास तिरे दर्द से ज्यादा क्या है।

रात-रातभर जख्म चिल्लाते हैं मिरे
तू बेवफा है, बेवफा है, बेवफा है।
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