Tuesday, August 3, 2010

कामयाबी का लम्हा


परसों सवेरे सवेरे पांच बजे उठते ही दैनिक भास्कर देख रहा था। अचानक रिजल्ट जैसी कोई चीज दिखी। देखा तो राजस्थानी एम.ए. फाइनल का रिजल्ट छपा था। मुझे अपने रोल नंबर याद न थे। मैंने देखा, प्रथम श्रेणी में र्सिफ चार लोगों के रोल नंबर छपे थे। मैंने रोल नंबर याद करने के लिए स्मृति पर जोर दिया तो लगा कि उनमें से एक रोल नंबर मेरा था। खुशी हुई ये सोचकर। घर में किताबों-कागजों में परीक्षा एडमिशन र्काड ढूंढकर कन्र्फम किया। फिर दुलाराम जी को फोन किया इंटरनेट पर रिजल्ट देखने के लिए। उन्होंने बताया कि नेट पर रिजल्ट नहीं था। फिर बैटरी रिर्चाज नहीं होने के कारण मोबाइल काम नहीं कर रहा था तथा दूरसंचार विभाग की मेहरबानी के चलते बेसिक फोन खराब था। फिर महावीर जी नेहरा आ घर आ गए। उनसे बातचीत के दौरान कोई नंबर देखने के लिए मोबाइल ऑन करने की कोशिश की तो कादंबिनी क्लब के राजेंद्र र्शमा जी का फोन आ गया। उन्होंने मेरे यूनिर्वसिटी टॉपर होने की सूचना दी। मेरी खुशी का ठिकाना न था। तभी मोबाइल पर दुलाराम जी के लगातार मैसेज आने शुरू हो गए, गोल्ड मेडल की सूचना और बधाई के। दुलाराम जी ने सब परिचितों को एसएमएस कर दिए थे। सो सबके मैसेज व फोन आने शुरू हो गए। बैटरी नहीं होने के कारण मोबाइल बंद हो रहा था। वापस ऑन करने पर एक दो मैसेज मिलते और मोबाइल फिर बंद हो जाता। नगर श्री चूरू के श्री श्याम सुंदर र्शमा, श्री रामगोपाल जी बहड़, श्री बाबू लाल जी र्शमा, श्री बैजनाथ जी पंवार, श्री मानसिंह जी सामौर, श्री माधव शर्मा, श्री नरेंद्र शर्मा, श्री विश्वनाथ भाटी तारानगर, श्री कुंज बिहारी जी पत्रकार, श्री भरत जी ओला, श्री किशन जी उपाध्याय, श्री विश्वनाथ जी सैनी पत्रकार, श्री किशोर र्निवाण, श्री संतोष गुप्ता जी पत्रकार, श्री आशीष गौतम पत्रकार, श्री गौरव र्शमा र्पवतारोही, नारायण जी मेघवाल, श्री रवि पुरोहित, श्री राधाकिशन सोनी डूंगरगढ, श्री हिमांशु दाधीच बीकानेर, श्री हिमांशु र्वमा जयपुर, श्री राकेश टेलर जयपुर, श्री मोहनलाल र्शमा पत्रकार बीकानेर, श्री अरविंद चोटिया जोधपुर, र्धमपाल र्शमा, अखिलेश, राजकुमार चोटिया सुजानगढ, अमित प्रजापत सुजानगढ, नरेंद्र सिंह ईटीवी, अमित तिवारी चूरू, नवीन उपाध्याय, सुरेंद्र सैनी प्रेस फोटोग्राफर सीकर, र्सवेश र्शमा सीकर, सुरेंद्र चौधरी सीकर, सारिका, अजीत राठौड़ जयपुर, डॉ कादिर हुसैन, डॉ जगदीश सिंह भाटी, श्री प्रदीप पूनिया, श्री भंवर लाल रूइल, श्री सुगन सिंह राठौड़, श्री महबूब सीधर, श्री संदीप जोशी, शैलेंद्र सोनी प्रेस फोटोग्राफर सहित बड़ी संख्या में शुभचिंतकों, दोस्तों और संंबंधियों ने फोन व मैसेज कर तथा मिलकर बधाई व शुभकामनाएं दीं। सभी शुभचिंतकों को इस दुलार व स्नेह के लिए धन्यवाद।

कामयाबी का यह लम्हा पूरी तरह माता-पिता और अग्रज समान श्री दुलाराम सहारण को सर्मपित करते हुए मुझे उन पर र्गव है। श्री दुलाराम जी ने ही राजस्थानी में एम.ए. के लिए प्रोत्साहित किया। राजस्थानी में पाठ्य सामग्री भी मुश्किल से मिल पाती है लेकिन उनके होते मुझे ऎसी कोई समस्या नहीं रही। वे समय-समय पर मुझे लगातार प्रेरित करते रहे। इसके बावजूद मुझे इस सफलता की इतनी उम्मीद न थी, पर वे लगातार विश्वास जताते थे कि स्र्वण पदक कुमार अजय, राजेंद्र र्शमा या रवि पुरोहित में से किसी एक को ही मिलेगा। उनकी इस पे्ररणा, स्नेह, आर्शीवाद, सहयोग और विश्वास को प्रणाम...।

आज लगभग सभी अखबारों में यह खबर लगी है। सभी सम्मानित पत्रकारों और संपादकों को इस स्नेह के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।







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